मोटे अनाजों का उत्पादन बढने से संवरेगी किसानों की तकदीर-सत्येन्द्र सिंह ‘भोलू’
श्रीअन्न के विस्तार पर संगोष्ठी, निकाली पद यात्रा
बस्ती । रविवार को भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा द्वारा प्राकृतिक खेती और श्रीअन्न पर गोष्ठी और जनजागरण पद यात्रा का आयोजन रुधौली विकासखंड क्षेत्र में किया गया। मुख्य अतिथि सत्येन्द्र सिंह भोलू प्रदेश कार्यसमिति सदस्य किसान मोर्चा उत्तर प्रदेश रहे और अध्यक्षता संदीप पाण्डेय जिला उपाध्यक्ष किसान मोर्चा ने किया।
मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए सत्येन्द्र सिंह ‘भोलू’ ने कहा कि मोटे अनाजों के महत्व को समय के साथ भुला दिया गया। अब नये सिरे से सरकार ने किसानों को मोटे अनाजांे का उत्पादन बढाने के लिये प्रेरित किया है। यह निर्णय देश के किसानों के लिये ऐतिहासिक साबित होगा।
उन्होने कहा कि श्रीअन्न गांवों व गरीबों से जुड़ा हुआ है। श्री अन्न देश के छोटे किसानों के लिए समृद्धि का द्वार खोलेगा। यह करोड़ों देशवासियों के पोषण की आधारशिला व आदिवासी समुदाय का सम्मान है। श्री अन्न की फसल कम पानी में अधिक प्राप्त की जा सकती है, रसायनमुक्त खेती के लिए यह नींव है, वहीं जलवायु परिवर्तन से निपटने में मददगार है। श्री अन्न को एक वैश्विक आन्दोलन में बदलने के लिए सरकार के लगातार प्रयासों को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने 2018 में मिलेट्स को पोषक-अनाज घोषित किया गया था, जहां किसानों को इसके लाभों के बारे में जागरूक करने से लेकर इसमें रूचि पैदा करने तक सभी स्तरों पर काम किया गया। मोटे तौर पर देश के 12-13 राज्यों में श्री अन्न की खेती की जाती है और प्रति व्यक्ति प्रति माह घरेलू खपत दो-तीन किलो थी, जो बढ़कर अब 14 किलो प्रति माह हो गई है। मिलेट्स खाद्य उत्पादों की बिक्री में भी लगभग 30 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, वहीं एक जिला-एक उत्पाद योजना के तहत 19 जिलों में मिलेट्स भी चुना गया है। देश में बाजरा, ज्वार, रागी, सांवा, कंगनी, कोदा, कुटकी व चीना के उत्पादन को बढ़ाकर इन्हें दैनिक आहार में शामिल करना एवं तैयार उत्पादों को निर्यात में बढ़ावा देने की दिशा में सरकार प्रतिबद्ध है। यह पहल कुपोषण के विरूद्ध मील का पत्थर साबित होगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये संदीप पाण्डेय ने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिलने से उत्पादित उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ेगी एवं दूषित पर्यावरण में सुधार होकर पारिस्थितक तंत्र स्वच्छ बनेगा। उन्होने प्राकृतिक एवं जैविक खेती की तुलनात्मक जानकारी दी और वर्तमान में की जा रही रासायनिक खेती के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डाला। संचालन सुभाष सिंह ने किया।
गोष्ठी में निरंकार सिंह, राघवेन्द्र राठौड़, दीन दयाल चौधरी, अजय मिश्रा, विमल सिंह, संजय मिश्रा, पवन सिंह, दीपक अरोड़ा, अरुण पाण्डेय, संदीप यादव, रंजना सिंह,रेनू सिंह,सुनीता, साधना, प्रियंका,रवि चौधरी, अशोक कुमार, अभिषेक सिंह, अजीत प्रताप सिंह, इन्द्र प्रताप, संजय सिंह, राजेश चौधरी, फूल यादव, घनश्याम यादव, रजनीश सिंह, बीरू सिंह, ओरीलाल यादव के साथ ही बड़ी संख्या में किसान और भाजपा नेता कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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