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इस बार नही लगा लक्कड़शाह दरगाह परिसर पर मेला। संरक्षित वन्य क्षेत्र के कारण वन विभाग ने नही लगने दी दुकाने

 इस बार नही लगा लक्कड़शाह दरगाह परिसर पर मेला। संरक्षित वन्य क्षेत्र के कारण वन विभाग ने नही लगने दी दुकाने





 मोतीपुर वन बैरियर पर ही रोक लिये गये चौपहिया वाहन। 15 किमी तक पैदल चल दरगाह परिसर पहुंचे लोग।


ज़ायरीनो ने मज़ार मुकद्दस पहुंच मांगी अमन चैन की दुआ।


मेला परिसर में दुकान लगाने पहुंचे लोग को प्रशासन ने खदेड़ा।








मिहींपुरवा/बहराइच- कर्तनिया वन्यजीव प्रभाग  अंतर्गत में मुर्तिहा वन रेंज में हर वर्ष लगने वाला हज़रत हाशिम अली शाह रहमतुल्लाह अलैह उर्फ लक्कड़ शाह दरगाह का मेला इस वर्ष वन विभाग की सख्ती की भेंट चढ़ गया। संरक्षित वन्य क्षेत्र में बाहरी गतिविधियों पर रोक हेतु वन विभाग ने मेला में लगने वाली सर्कस, झूला समेत अन्य किसी भी तरह दुकानो पर पूरी तरह रोक लगा दी। इसके अलावा मोतीपुर वन बैरियर पर ही चौपहिया वाहन रोक लिये गये जिससे  दूरदराज से आय लोगो को 15 किलोमीटर दूर दरगाह परिसर पहुंचने में काफी दुश्वारियों का सामना करना पड़ा।  पैदल दरगाह पहुंचे ज़ायरीनो ने मज़ार मुकद्दस पर पहुंच फातिहा व नज़राना पेश किया तथा अपनी मुरादो के साथ साथ मुल्क में अमन चैन की दुआऐं भी मांगी। भारी संख्या में ज़ायरीनो के मज़ार मुकद्दस पर पहुंचने एंव प्रशासन की सख्ती के बावजूद उर्स शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुआ।


दरगाह कमेटी ने प्रशासन पर लगाया बेवजह सख्ति का आरोप

 हजरत लक्कड़ शाह रहमतुल्लाह अलैह दरगाह की कमेटी ने वन विभाग एवं पुलिस आरोप लगाते हुए कहा कि मेला परिसर में किसी तरह की कोई दुकानें नहीं लगाई गयी थी फिर भी बेवजह भय का माहौल बनाना उचित नही है। दरगाग के इमाम एंव  दरगाह कमेटी के सदस्यों ने संयुक्त रूप से बताया कि उर्स मुबारक शुरू होने से एक हफ्ता पूर्व ही प्रशासन को लिखित रूप से अवगत करा दिया गया था। कमेटी के पत्र पर जिलाधिकारी महोदय की ओर से वन विभाग एवं पुलिस प्रशासन को मेला कार्य में सहयोग प्रदान करने हेतु पत्र भी जारी किया गया था।  लेकिन प्रशासन की सख्ती के कारण बहुत से लोग मेला परिसर पहुंचे बिना ही वापस चले गये। 

 दरगाह कमेटी का कहना है कि कमेटी के सदस्यों की ओर से हमेशा वन विभाग एवं पुलिस प्रशासन को कानून व्यवस्था बनाये रखने में सहयोग किया जाता है लेकिन वन विभाग की ओर से बार बार कमेटी पर दबाव बनाना उचित नही है। 


 मेला परिसर मे दुकान लगाने पहुंचे दुकानदारों की नही लगी दुकानें। जंगल से बाहर टुकड़ों में लगी दुकानें


 हर वर्ष लक्कड़ शाह मेला काफी जन समूह के साथ भव्यता से आयोजित होता रहा है। इसी कारण इस बार भी काफी दुकानदार अपनी अपनी दुकानें मेला परिसर में लगाने पहुंचे थे। लेकिन प्रशासन की सख्ती के चलते दरगाह कमेटी ने दुकानदारों को परिसर में दुकान लगाने नही दी जिसके चलते सभी दुकानदार निराश मन से मेला परिसर से निकल आये। 

दुकानदारो ने संरक्षित वन्य क्षेत्र से बाहर निकलते ही जगह जगह अपनी दुकाने लगा दी। मोतीपुर वन बैरियर पर दिन भर कई छोटी मोटी दुकाने लगी रही। मेला परिसर जाते एंव आते समय लोगो ने जगह जगह रूक रूक कर खरीददारी की। 



संरक्षित वन्यक्षेत्र के कारण प्रतिबंधित है सभी तरह की गतिविधियां- डीएफओ कर्तनिया


प्रभागीय वनाधिकारी कर्तनिया आकाशदीप बघावन ने  कहा कि संरक्षित वन्यक्षेत्र में बाहरी गतिविधियां पूर्णतया प्रतिबंधित रहती हैं ऐसे में इन क्षेत्रों में मेला या शोर-शराबे वाली गतिविधियों की अनुमति नही दी जा सकती है उन्होने कहा कि संरक्षित वन्यक्षेत्र के बाहर किसी तरह की कोई रोक नही है।

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