सारस की ग्रामीणों के साथ दोस्ती बनी चर्चा का विषय
इंशान के बीच खोली आंख, आबादी से हुआ प्यार
बस्ती: सारस पक्षी और इंसान की आनोखी दोस्ती बस्ती जिले में भी देखने को मिली ।लेकिन यहां अमेठी और सुल्तानपुर की तरह किसी ने पाला नहीं हैं। सुबह होते ही सारस अपनी कुराहत की आवाज करते हुए गांव में आ जाता है। इंसानों के बीच घूमता फिरता है और शाम होते ही अपना पंख पसार उंची उड़ान भर लेता है ।इंसानों के बीच सारस को देख हर कोई इसे अपने कैमरे में कैद करना चाहता है।
कुदरहा ब्लाक का रोहारी गांव कैदहवा ताल के बगल स्थित है ।ताल के दूसरे तरफ एक ईंट का भट्ठा है ।सुबह होते ही भट्ठे से एक सारस भोजन की तालाश में रोहारी के पास आ जाता है। लेकिन उसे इंसानों से इस कदर लगाव है कि वह उहें देख अपने को रोक नहीं पाता है ।जहां उसे लोग नजर आते हैं वह उनके पास पहुंच जाता है । उनके बीच अपना स्नेह दिखता और भोजन चुगता है ।कोई इसे छेड़ता भी नहीं है ।सारस की यह कहानी कई माह से चल रही है ।कभी चौराहों पर तो कभी खेतों में पहुंच जाता है ।सारस पक्षी लगाव देख गांव के लोग भी अब उससे स्नेह करने लगे है ।कुछ लोगों ने बताया कि पास स्थित भट्टे के मजदूरों को बर्ष भर पहले दो अंडा मिला था। वह उसे अपने आबादी के बीच रख दिए और इस अनोखे अंडे को अपने बत्तख से उष्मा दिलाया ।कुछ दिन बाद अंडे के बीच से चूजे निकले और मजदूरों के बीच आंखे खोली ।एक चूजे की कुछ दिन बाद मौत हो गयी ।दूसरे की कुछ दिन बाद नन्हे सारस के रुप में पहचान हुई ।बारिश का मौसम आते ही झारखंड से आने वाले मजदूर इस नन्हे सारस को छोड़कर अपने गांव चले गये । आज वह मजदूर भले ही सारस के पास नहीं हैं ।लेकिन वह इंसानो को ही अपना परिजन समझता है ।
भट्ठे पर कार्य करने वाले गंगा राम गिरि ने बताया कि ईंट पाथने वाले मजदूरों को आठ - नौ माह पहले दो अंडे मिले थे ।जिसे मजदूरों ने जिलाए हुए अपने बत्तख के पास रखा कुछ दिन बाद इसमें से दो बच्चे निकले एक की मौत हो गयी एक बचा है ।मजदूर तो चले गए लेकिन वह भट्ठे के पास रहता।सुबह भोजन की तालाश में आस पास निकल जाता है ।
रोहारी गांव के राम उजागिर चौहान व भगौती चौहान ने बताया कि कई माह से यह सारस सुबह गांव पर आ जाता है। लोगों के बीच रहता है ।न तो यह किसी को नुक्सान पहुंचाता और न ही लोग इसे। शाम को पास के भट्ठे पर चला जाता है ।
इस सारस के सर पर अभी पूरी तरह से लालिमा नहीं उभरी है ।हल्की लाली नजर आती है ।लोगों का कहना है कि अभी यह श्वेताभ नहीं हुआ है ।उम्र बढ़ने के साथ ही इसकी सुंदरता भी आकर्षक होती जाएगी ।इसकी उम्र 17-18 होती है ।अभी तो है नन्हा है ।
पहले तो लोग इंसान के बीच सारस को देख दंग रह जाते है ।पास जाने से भय खाते हैं ।इंसानों के बीच इस सारस का लगाव की जानकारी होने पर लोग स्वयं के साथ सेल्फी लेने से नहीं चुक रहे है।
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