सरयू नदी का जलस्तर घटने के साथ मईपुर बड़कपुरवा पर भी कटान शुरू
कुदरहा: कलवारी रामपुर तटबंध के दक्षिण बसे गांव महुआ पार कला के मदरहवा पुरवे के साथ सोमवार को बैडारी एहतमाली के मईपुर बड़का पुरवा भी कटान तेज हो गया। नदी का जलस्तर घटने के साथ पानी के तेज बहाव और ऊंची उठती लहरों को देखकर ग्रामीण भयभीत होकर लगभग तीन दर्जन लोगों ने अपने मकान को खाली कर सामान को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया और मदरहवा पुरवे के लगभग दर्जन भर लोगों ने कटान की डर से अपने पक्के मकान को बुलडोजर से तोड़कर मलबे को तटबंध के उत्तर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया। महादेवा विधायक दूधराम बाढ़ पीड़ितों के बीच जाकर कटान रोकने के लिए बाढ़ खंड अधिकारियों के साथ प्रयास कर रहे हैं।
सोमवार को सरयू नदी का जलस्तर घटने के साथ मईपुर बड़कपुरवा पर भी कटान शुरू हो गया। पानी के तेज बहाव व ऊंची उठती लहरों को देखकर मईपुर बडका पुरवा के हरिहर प्रसाद सुग्रीव पासवान राम सहाय रामसूरत बुधीराम राम अवध पासवान सहित दो दर्जन लोगों ने कटान को देखकर अपने घरों से सामान निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया। पुष्पा पत्नी रामशरण कटान के डर से समान गोरखपुर अपने मायके भिजवा दिया राम अवध ने घर का सामान खाली कर फूलपुर अपने रिश्तेदारी में भेज दिया। वही मदरहवा पुरवे पर शनिवार को राकेश पासवान का छप्पर का मकान कटान में विलीन हो गया। इससे पहले राम भवन पासवान और मनीष पासवान का छप्पर का मकान सरयू नदी की कटान में बह गया था। वंशीलाल, मोहन पासवान और सूरज पासवान पुत्रगण स्व राधेश्याम, प्रेमचंद्र ने अपना मकान तोड़ दिया है और राज बिहारी पुत्रगण शिवपूजन,रामकरण पुत्र भोला, राम भवन त्रिभवन पुत्र सत्ती के घर से नदी लगभग 10 मीटर की दूरी पर बह रही है।
तेज कटान को देखते हुए सुरेंद्र पासवान जोगेंद्र पासवान गंगाराम भोले पासवान मनोज प्रेमचंद मुकेश राधेश्याम आसाराम सहित लगभग दर्जन पर लोगों ने कटान की डर से अपने पक्के मकान को बुलडोजर से तुड़वाकर मलबे को तटबंध के उत्तर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रहे हैं। मदरहवा पुरवे पर लगभग 70 घरों के लोगों ने अपने घरों से सामान निकाल कर रिश्तेदार या किराए पर मकान लेकर समान सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रहे हैं। महादेवा विधायक दुधराम लगातार कटान प्रभावित गांव बचाने के लिए बाढ़ खंड के अधिकारियों के साथ मौजूद रहते है। बाढ़ खंड अधिकारियों द्वारा लगभग 25 मजदूर बोरे में भरकर नदी में डालने का काम कर रहें है जबकि 23 मजदूर बम्बू कैरट और परकूपाइन बनाकर कटान को रोकने के लिए नदी में डाल रहें है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बाढ़ की कटान में लगे अधिकारी सही से काम नहीं कर रहे हैं जिसकी वजह से एक हफ्ते में लगभग 40 मी नदी कटान कर चुकी है। रोड़े की जगह बोरे में मिट्टी भरकर नदी में डाला जा रहा है। अगर नदी का कटान इसी तरह जारी रहा तो गांव का वजूद खत्म हो जाएगा।
किशन देव पुत्र स्व राम रतन का घर कटने के कगार पर है। किशन देव के कहने पर बाढ़ खंड के जेई प्रदीप कुमार ने कहा कि मेरा काम गांव बचाना नहीं है। मैं अपने तकनीक के हिसाब से काम करूंगा। उच्च अधिकारियों के आदेश के अनुसार काम कर रहा हूं।
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