हाईकोर्ट इलाहाबाद ने एसपी बस्ती को जारी किया अवमानना नोटिस
डेस्क: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बैंक के ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक को चरित्र प्रमाण पत्र देने से संबंधित आवेदन को बिना किसी कारण के निरस्त करने के यूपी पुलिस के आदेश को खारिज कर दिया है।
माननीय न्यायमूर्ति शेखर बी सर्राफ और माननीय न्यायमूर्ति विपिन चंद्र दीक्षित की खंडपीठ ने बस्ती जिले के लवकुश सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया था।
मामले के तथ्य यह हैं कि याचिकाकर्ता बड़ौदा यू पी बैंक के ग्राहक सेवा केंद्र का संचालक है.।
याचिकाकर्ता के खिलाफ 2017 में एक अपराधिक मामला दर्ज हुआ जो विचारण हेतु जिला न्यायालय में पेंडिंग है !
तदनुसार, याचिकाकर्ता ने दिनांक 07.10.2024 को यूपी पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट (सीसीटीएनएस नागरिक पोर्टल) के पोर्टल पर चरित्र प्रमाण पत्र जारी करने के लिए आवेदन किया। जब याचिकाकर्ता द्वारा यूपी पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट (सीसीटीएनएस नागरिक पोर्टल) पर चरित्र प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अपने आवेदन की स्थिति की जाँच की गई, तो उसे पता चला कि चरित्र प्रमाण पत्र जारी करने के लिए उसका दिनांक 07.10.2024 का आवेदन अस्वीकार कर दिया गया है।
न्यायालय ने आदेश दिया था , "इसके अनुसार, यूपी पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट (सीसीटीएनएस सिटीजन पोर्टल) पर दिखाए गए याचिकाकर्ता के आवेदन को खारिज करने वाले विवादित अदिनांकित आदेश को रद्द किया जाता है। मामले को संबंधित प्राधिकारी को सौंप दिया गया है कि वह याचिकाकर्ता की शिकायत पर गौर करें और कानून के अनुसार 12 सप्ताह में निर्णय लेने का आदेश दिया था.!
जिसके बाद याची के द्वारा हाइकोर्ट के आदेश की कॉपी एसपी बस्ती को उपलब्ध कराया था लेकिन निर्धारित समय बीत जाने पर भी एसपी बस्ती ने आज तक न्यायालय के आदेश का अनुपालन नहीं किया.!
न्यायालय के आदेश अनुपालन न करने पर अपने अधिवक्ता के.एल.तिवारी के माध्यम से एसपी बस्ती के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल कर एसपी के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की .!
अधिवक्ता के द्वारा दिए गए तर्कों को सुनने के बाद माननीय न्यायालय ने एसपी बस्ती को अवमानना का दोषी पाते हुए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है और कहा कि क्योंकि न एसपी बस्ती के खिलाफ आरोप बनाकर दंडित किया जाए..!
Post a Comment