अगले में 6 माह के भीतर 10 लाख करोड़ रूपये के उद्योगों को स्थापित करने का लक्ष्य - राकेश सचान
बस्ती: प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा तथा वस्त्रोद्योग विभाग मंत्री राकेश सचान ने कहा है कि मा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल निर्देशन में ग्लोबल समिट 2023 में एतिहासिक निवेश हुआ है। यह भारत के किसी भी राज्य में आयोजित अब तक के सबसे बड़े निवेशक सम्मेलनों में से एक है। कलेक्ट्रेट सभागार में प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए उन्होने कहा कि 41 देशों के लगभग एक हजार से अधिक प्रतिनिधियो ने लखनऊ में तीन दिवसीय समिट में भाग लिया।
उन्होने बताया कि केन्द्र सरकार के लगभग 17 मंत्रियों द्वारा समिट 2023 में भाग लिया गया और केन्द्र-राज्य सहयोग पर अपना विजन साझा किया गया। राज्य सरकार ने 16 देशों के 21 शहरों में अन्तर्राष्ट्रीय निवेशक बैठके आयोजित की। देश के 10 शहरों में रोड शो किया, प्रदेश के सभी 75 जनपदों में जिला स्तरीय रोड शो तथा इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया गया।
उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने आईटी/आईटीईएस, डेटा सेण्टर, ईएसडीएम, डिफेंस और एअरो स्पेश इलेक्ट्रिक वाहन, वेयरहाउसिंग एवं लाजिस्टिक्स, पर्यटन, टेक्सटाइल, एमएसएमई सहित कई सेक्टर में निवेश आकर्षित करने के लिए 25 नीतियों को तैयार किया है। इसका उद्देश्य निवेशको के विश्वास को बढाना है। साथ ही वैश्विक व्यापारिक एवं निवेशक समुदाय से सम्पर्क एवं संवाद भी करना है।
उन्होने बताया कि व्यापक निवेश सुविधा फ्रेमवर्क के अन्तर्गत निवेश सारथी तथा निवेशमित्र पोर्टल संचालित किया जा रहा है। निवेश सारर्थी में निवेशक आनलाइन एमओयू साईनिंग इन्टरफेस, आनलाइन प्रोत्साहन प्रबन्धन प्रणाली संचालित की जाती है तथा निवेशमित्र पोर्टल पर स्वीकृतिया/अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत किया जाता है। उन्होने बताया कि कुल 19250 एमओयू में से लगभग 170 एमओयू विदेशी कम्पनियों द्वारा किए गये है, जो रूपये 685000 करोड़ के है।
उन्होने बताया कि प्रदेश में कुल 19250 एमओयू में से 4804 एमओयू पूर्वांचल के है, जो कुल निवेश का 20.49 प्रतिशत है। कुल 8 आकांक्षात्मक जनपदों, जिन्हें विकास की दृष्टिकोण से पिछड़े जनपदों में माना जाता है में भी काफी निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए है। उन्होने बताया कि आगामी 6 माह के भीतर लगभग 10 लाख करोड़ रूपये के उद्योगों को स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
उन्होने बताया कि निवेश परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए रणनीति तैयार कर ली गयी है। मुख्यमंत्री कार्यालय के स्तर पर त्रैमासिक समीक्षा की जायेंगी। निवेश सारथी पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों की अपर मुख्य सचिव तथा प्रमुख सचिव तथा मण्डलों में मण्डलायुक्त नियमित अनुश्रवण करेंगे। नीतिगत बिन्दुओं का समाधान मुख्य सचिव के निर्देशन में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त करेंगे। निवेशों की समस्याओं का निवारण जिलाधिकारी के नेतृत्व में उपायुक्त जिला उद्योग द्वारा किया जायेंगा।
इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष संजय चौधरी, सांसद हरीश द्विवेदी, विधायक अजय सिंह, पूर्व विधायक दयाराम चौधरी, जिलाधिकारी श्रीमती प्रियंका निरंजन, पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव, सीडीओ डा. राजेश कुमार प्रजापति, उपायुक्त उद्योग हरेन्द्र प्रताप, विधायक प्रतिनिधि मो0 सलीम, फूल चन्द्र श्रीवास्तव, गुलाब चन्द्र सोनकर, हरीश सिंह, महेश शुक्ला, उद्यमी/निवेशक उपस्थित रहे।
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