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ग्राम पंचायत करमहा के आंगनबाड़ी केन्द्र सोहरौना केन्द्र पर आयोजित हुआ कार्यक्रम


 गोदभराई कर बताया गया मातृ पोषण का महत्व 


 गर्भवती नीलम और अंबा की हुई गोदभराई 




महराजगंज: सदर ब्लाॅक के ग्राम पंचायत करमहा के आंगनबाड़ी केन्द्र सोहरौना पर गर्भवती नीलम और अंबा की गोदभराई की गयी। दोनों को मातृ पोषण के महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया। दोनों को गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार लेते रहने तथा समय-समय पर प्रसव पूर्व जांच कराने की सलाह दी गयी।

        गोदभराई के दौरान बाल विकास परियोजना सदर की मुख्य सेविका सीमा दुबे ने बताया कि कुपोषण चक्र तोड़ने और मातृ शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में मातृ पोषण की अहम भूमिका है। ऐसे में गर्भवती को गर्भावस्था के दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। सेहत सही रहे इसके लिए  गर्भवती पौष्टिक आहार में दूध, पनीर, ताजी हरी सब्जी, मौसमी फल, दाल, जूस तथा अन्य प्रोटीन व विटामिन युक्त आहार लेती रहें।

       समय-समय पर चिकित्सक से सलाह लेते रहना चाहिए, साथ ही जरूरी टीके भी लगवाते रहना चाहिए। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुनीता को भी निर्देशित किया कि समय समय पर पंजीकृत गर्भवती का फाॅलोअप करती रहें। विभाग से मिलने वाले आयरन फोलिक एसिड एवं कैल्शियम की गोली खाते रहना चाहिए।

          चार माह की गर्भवती नीलम देवी ( 20) ने बताया आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुनीता ने उन्हें गोदभराई दिवस में शामिल होने के लिए बुलाया। आयोजन में उन्हें गर्भावस्था के दौरान बरती जाने वाली सावधानी के बारे में बताया गया। साथ ही पोषण पोटली भी मिली, जिसमें पौष्टिक सामग्री रखी गयी है। आशा कार्यकर्ता ने पहली बार गर्भवती होने प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना से तीन किस्तों में मिलने वाली पांच हजार रुपये के बारे में बताकर पंजीकरण भी करा दिया है।

       तीन माह की गर्भवती अंबा देवी ( 21) ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुनीता के कहने पर केन्द्र पर आयीं,जहां गोदभराई की गयी। गर्भावस्था के दौरान केन्द्र से मिलने वाले सूखा राशन व अन्य पोषाहार से विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाकर सेवन करने की सलाह दी। हरी सब्जी और मौसमी फल लेते रहने के लिए भी बताया गया।

   आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुनीता ने बताया कि केन्द्र पर कुल चार  गर्भवती, आधा दर्जन धात्री महिलाएं तथा 68 बच्चे पंजीकृत हैं। उन्होंने बताया कि केन्द्र पर पंजीकृत बच्चों का भी नियमित फाॅलोअप करके उनके लंबाई व वजन का नाप लिया जाता है। केन्द्र से मिलने वाले सूखा राशन से विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाकर सेवन करने की सलाह दी जाती है। 

              फाॅलोअप के दौरान धात्री महिलाओं को कम से कम छह माह तक सिर्फ और सिर्फ स्तनपान कराने के सलाह तथा छह माह बाद अनुपूरक  आहार के साथ स्तनपान जारी रखने को कहा जाता है। गर्भवती को गर्भावस्था के दौरान संस्थागत प्रसव कराने की भी सलाह दी जाती है।

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जुलाई माह में जिले में लाभान्वित लाभार्थी:

 -कुल गर्भवती व धात्री महिलाएं-54938

-कुल कुपोषित बच्चे-68,265

-कुल अति कुपोषित बच्चे-10,597

-कुल मैम बच्चे-14,666

-कुल सैम बच्चे-8884

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